20-Apr-2024

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लोकसभा निर्वाचन की घोषणा के बाद 7 करोड रूपये से अधिक की धनराशि एवं सामग्री जप्त

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भोपाल : सोमवार, मार्च 25, 2019, लोकसभा निर्वाचन-2019 में निर्वाचन व्यय निगरानी का कार्य पुलिस, आबकारी, आयकर एवं अन्य एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। 10 मार्च को निर्वाचन की घोषणा होने से 21 मार्च, 2019 तक की अवधि में 7 करोड 60 लाख रुपये से अधिक मूल्य की नगदी एवं अन्य सामग्री जप्त की गयी। इसमें 3 करोड 10 लाख 69 हजार रूपये नगद , 2 करोड 79 लाख 94 हजार रूपये की अवैध शराब, 14 लाख रूपये के अवैध मादक पदार्थ, 25 लाख 20 हजार  रूपये की बहुमूल्य धातु तथा 1 करोड 30 लाख 91 हजार रूपये से अधिक का अन्य सामान शामिल है।

3 हजार से अधिक शिकायतों का निराकरण

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल.कान्ता राव ने बताया कि 1 जनवरी से 22 मार्च तक 3 हजार 715 शिकायतें प्राप्त हुई। जिसमें से 3 हजार 73 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है।

जनसामान्य से 337 शिकायतें ऑनलाईन प्राप्त हुई। जिसमें से 288 शिकायतों का निराकरण किया गया। जिला स्तरीय कान्टेक्ट सेंटर में 1 हजार 387 शिकायतें प्राप्त हुईं। जिनमें से 1 हजार 174 शिकायतों का निराकरण किया गया।

भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय कान्टेक्ट सेंटर के माध्यम से 369 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से 319 का निराकरण किया गया। राज्य स्तरीय कान्टेक्ट सेंटर के माध्यम से 876 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनमें से 640 का निराकरण किया गया। 423 शिकायतें सीधे प्राप्त हुई। जिनमें से 386 का निराकरण किया गया। राजनैतिक दलों से 323 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 266 का निराकरण किया जा चुका है।

 प्रथम रेण्डमाईजेशन 28 मार्च से

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल कान्ता राव ने बताया कि सभी जिलो में एफएलसी का कार्य पूर्ण हो चुका है। राज्य में 65 हजार 283 मतदान केन्द्र है। राज्य में एक लाख 2 हजार 82-बैलेट यूनिट 82 हजार 501- कन्ट्रोल यूनिट तथा 84 हजार 311-व्हीव्हीपीएटी फर्स्ट लेवल चैकिंग के उपरांत निर्वाचन के लिए उपलब्ध है।

ईव्हीएम/व्हीव्हीपीएटी का प्रथम रेण्डमाईजेशन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित साफ्टवेयर- ईव्हीएम मेनेजमेंट सिस्टम से 28 मार्च से 30 अप्रैल ेतक किया जायेगा।


 डुप्लीकेट मतदाता परिचय पत्र के लिए विशेष अभियान

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल कान्ता राव ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2019 को दृष्टिगत रखते हुए पात्र मतदाताओं को डुप्लीकेट मतदाता परिचय पत्र प्रिंट कर उपलब्ध कराने के लिए 01 अप्रैल 2019 से पूर्व समस्त जिलों में विशेष अभियान चलाया जायेगा। विशेष अभियान की तिथि का निर्धारण जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा किया जायेगा।

श्री राव ने बताया किभारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मध्यप्रदेश में फोटो निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी 2019 को किया गया। जिसके उपरांत राज्य में सतत् अद्यतन के अंतर्गत निर्वाचक नामावली के आवेदन प्राप्त किये गए है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि 22 फरवरी से सतत् प्रक्रिया के अंतर्गत आज तक कुल 6 लाख से अधिक फार्म प्राप्त हुए, जिसमें नाम जोडने के लिए फार्म 6 - 3,64,015, नाम हटाने/आपत्ति दर्ज करने के लिए फार्म 7 - 71,857, संशोधन के लिए फार्म 8 - 1,46,789 एवं एक ही विधानसभा क्षेत्र में निवास स्थान के पते को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए फार्म - 8क - 25,806 प्राप्त हुए है।

सतत अद्यतन के तहत नाम जोडने की प्रक्रिया नाम निर्देशन की अंतिम तारीख से 10 दिन पूर्व तक जारी रहेगी। प्रदेश में दावे फार्म नं. 6 इत्यादि लेने की अंतिम तिथि निर्वाचन के फेस - 1 में दिनांक 30 मार्च, फेस - 2 में दिनांक 08 अप्रैल, फेस - 3 में 13 अप्रैल तथा फेस - 4 में 19 अप्रैल तक है। आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन की घोषणा उपरांत किसी प्रकार के संशोधन एवं नाम निरसन की कार्यवाही बिना आयोग की अनुमति के नहीं की जाएगी।

लोकसभा निर्वाचन 2019 में cVIGIL  एप से हो रहा है शिकायतों का निराकरण

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल.कान्ता राव ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2019 में निर्वाचन संबंधी शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी निराकरण के लिए cVIGIL App {Gold version}  तैयार किया गया है। इस एप को एन्ड्राइड मोबाईल में प्ले स्टोर से एवं Apple मोबाईल के से डाउनलोड किया जा सकता है। एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की किसी भी घटना का फोटो/वीडियो तैयार कर अपनी शिकायत के साथ भेज सकता है। प्राप्त शिकायत की त्वरित गति से जाँच कर उसका निराकरण/कार्यवाही की जाती है।

किसी भी शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत सर्वप्रथम जिला शिकायत कंट्रोल सेंटर के पास जाती है। प्रारंभिक जॉच उपरांत सही होने पर उक्त शिकायत फ्लांइग स्कवाड टीम को भेजी जाती है। टीम त्वरित गति से शिकायत की जॉच कर उसका प्रतिवेदन देती है। निराकरण रिर्टेनिंग अधिकारी अथवा ए.आर.ओ  द्वारा किया जाता है।

cVIGIL App {Gold version}में आयोग द्वारा स्व-संज्ञान सुविधा भी उपलब्ध है, जिसके द्वारा फील्ड पर उपस्थित टीम अगर आचार संहिता का उल्लंघन पाती है, तो वह जॉच कर प्रतिवेदन दे सकती है।

अब तक cVIGILके माध्यम से जिलों में कुल 1324 शिकायतें प्राप्त हुई है। सबसे ज्यादा 259 शिकायतें जिला सागर में प्राप्त हुई है, जिनका निराकरण किया गया है। अब तक प्राप्त कुल 1324 शिकायतों में से 920 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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