Publish Date:21-May-2019 19:24:15
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक गोपाल भार्गव द्वारा राज्यपाल के नाम लिखित उस पत्र की कड़ी भर्त्सना की है जिसमें उन्होंने कहा है की राज्यपाल विधानसभा का सत्र शीघ्र बुलाने के लिए सरकार को आदेशित करें। उन्होंने कहा कि सत्ता की लालसा में भार्गव जैसे वरिष्ठ विधायक भी नियम कायदों को भूल गए हैं या जानबूझकर भूलने का नाटक कर रहे हैं, दरअसल भार्गव या शिवराज जैसे भाजपा नेता पेयजल, कानून व्यवस्था या किसानों की कर्जमाफी जैसे मुद्दों से नहीं बल्कि पंद्रह सालों में मिली सत्ता की मलाई छिन जाने से बेहद आहत हैं।
अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में गोपाल भार्गव ने पेयजल, कानून व्यवस्था और कर्जमाफी जैसे जिन मुद्दों का जिक्र किया है, उन सभी मोर्चों पर कमलनाथ सरकार पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है और वैसे भी नियम और परम्परा के मुताबिक़ विधान सभा का सत्र सरकार बुलाती है, सरकार विधानसभा सचिवालय को सत्र आहूत करने के लिए लिखती है, विधानसभा सचिवालय राज्यपाल महोदय से सत्र आहूत करने के लिए सरकार की ओर से आग्रह करता है, राज्यपाल सत्र आहूत करने के लिए अपनी सहमति देते हुए विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर सत्र आहूत करने को कहते हैं, जहाँ तक नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के पत्र लिखने की बात है तो वे बहुत पुराने सदस्य हैं, संसदीय परंपरा क्या कहती है, नियम क्या सिखाते हैं, सत्ता जाने के पश्चात थोडे ही दिन में वह आश्चर्यजनक रूप से सब भूल गए हैं।
श्रीमती ओझा ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के लिए 50-50 करोड़ रुपयों के प्रस्ताव दिए जाने के बाद भी हमारे निष्ठावान विधायकों की पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता के कारण भाजपा हमारी सरकार गिराने में असफल रही। यही नहीं भाजपा विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में भी कांग्रेस से मुंह की खा चुकी है, लेकिन सत्ता के प्रति अपनी लिप्सा के कारण वह बार-बार मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है, जो कभी पूरे होने वाले नहीं हैं। अब जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ही यह कह दिया है कि कांग्रेस कभी भी सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है तब भाजपा के लिए वैसे भी उम्मीद की सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं। बेहतर होगा कि गोपाल भार्गव और शिवराज सिंह सहित सभी भाजपा नेता पांच सालों तक जनहितैषी कमलनाथ सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के विकास में सकारात्मक विपक्ष की भूमिका अदा करें।