भोपाल, 16 मई 2024 प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा देश-प्रदेश के करोड़ो कांग्रेसजन के प्रति अमर्यादित, आपत्तिजनक और अशोभनीय शब्दों का उपयोग किये जाने पर उन्हें संकुचित मानसिकता का परिचायक बताया है। मानसिक संतुलन खो चुके मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को किसी अच्छे मनोचिकित्सक से अपना इलाज कराना चाहिये।
नायक ने कहा कि श्रीराम विश्व के आराध्य हैं। संकीर्ण सोच, सत्तालोलुपता की लालसा रखने वाले, धर्म के नाम पर राजनैतिक रोटियां सैंकने वाली भाजपा और उसके नेताओं ने जगत के स्वामी श्रीराम को ही सियासत का विषय बना दिया। श्री राम स्तुति, आस्था और आराधना की गौरवशाली अनुभूति हैं। नायक ने कहा कि महात्मा गांधी जी की अंतिम सांस में उनके श्रीमुख से राम नाम निकला, उनका यह गीत रघुपति राघव राजा राम पूरे भारत वर्ष ने गया और प्रदेश के मुखिया यह कह रहे हैं कि उनके रोम-रोम में राम है यदि इनके रोम-रोम में राम है तो उनके आचरण में राम क्यों नहीं हैं, उनके चरित्र में राम क्यों नहीं हैं, इनके क्रियाकलाप में राम क्यों नहीं हैं। उनके आसपास दलालों का जमघट क्यों है? इस तरह के बदमिजाज और बदतमीजी पूर्ण वक्तव्यों की लंबी श्रृंखला हैं इनकी। पहले इन्होंने कहा कि कांग्रेस की जो माता बहनें है वह केवल भोग विलास की वस्तुएं हैं, इन्होंने कहा हमारे राज में फोकट में अनाज मिलता है, रामराज में फोकट में अनाज मिलता था और अब इस तरह के बयान संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देते। रामचरितमानस की चौपाई का जिक्र करते हुये कहा कि झूठई लेना झूठई देना, इनका पूरा जीवन झूठ पर आधारित है उनके प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं और उनका अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री सहित पूरी भाजपा के लोग झूठ बोलते हैं, ये असंत और असंतुष्ठ लोग हैं।
नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, आपके द्वारा की गई आपत्तिजनक, अमार्यादित, अशोभनीय भाषा आपके पौराणिक अध्ययन, शैक्षणिक समझ व संस्कारों पर सवालिया निशान लगाने के लिए पर्याप्त है। इस तरह की अज्ञानतापूर्ण भाषा आपको शोभा नहीं देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने जनता के हितों और अधिकारों पर डांका डाला है, युवाओं का भविष्य अंधकारमय किया, अन्नदाता किसानों पर अत्याचार और महिलाओं की असुरक्षा में मध्यप्रदेश प्रथम पायदान पर है। बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई चरम पर है, भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित पूरी भाजपा जनहित के मुद्दों पर मौन क्यों हैं? भाजपा देश की अमनोपसंद जनता के मन में जहर घोलने की दूषित राजनीति से परहेज करे।