Publish Date:22-Mar-2019 15:41:49
गुजरात की फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक मामले का भगोड़ा आरोपी हितेश पटेल को अल्बानिया में हिरासत में लिया गया है. स्टर्लिंग बायोटेक मामले में भारतीय जांच एजेंसियों को लंबे समय से हितेश पटेल की तलाश थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सूत्रों के मुताबिक हितेश पटेल को 11 मार्च को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. वहीं 20 मार्च को अल्बानिया में राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो तिराना द्वारा हिरासत में लिया गया.
जल्द प्रत्यर्पण की उम्मीद
स्टर्लिंग बायोटेक मामले के आरोपी हितेश पटेल की भारतीय जांच एजेंसियों को लंबे समय से तलाश थी. ईडी द्वारा विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन की शिकायत दायर की गई थी. ईडी सूत्रों के मुताबिक हितेश पटेल को जल्द ही भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है. बता दें कि हितेश पटेल पर 8100 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
क्या है स्टर्लिंग बायोटेक मामला
दरअसल, 8,100 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में आपराधिक जांच से बचने के लिए स्टर्लिंग ग्रुप के सभी चार प्रमोटर देश से फरार हो गए थे. इन आरोपियों में हितेश पटेल के अलावा नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा, दीप्ति संदेसरा, राजभूषण दीक्षित, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी और बिचौलिया गगन धवन शामिल हैं. स्टर्लिंग ग्रुप की कंपनियों में स्टर्लिंग बॉयोटेक लिमिटेड, पीएमटी मशींस लिमिटेड, स्टर्लिंग सेज ऐंड इंफ्रा लिमिटेड, स्टर्लिंग पोर्ट लिमिटेड, स्टर्लिंग ऑयल रिसोर्स लिमिटेड और 170 से ज्यादा शेल कंपनियां शामिल हैं.
नीरव मोदी गिरफ्त में
बता दें कि भारतीय जांच एजेंसियों के दबाव के बाद ब्रिटेन की पुलिस ने बुधवार को पीएबी स्कैम का आरोपी नीरव मोदी को गिरफ्तार किया. इसके बाद नीरव मोदी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की जिला न्यायाधीश मैरी माल्लोन की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने जमानत देने से इनकार कर 29 मार्च तक हिरासत में भेज दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद उसे दक्षिण- पश्चिम लंदन की वांडस्वर्थ जेल में रखा गया.
साभार- आज तक