16-Apr-2024

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एम्स अस्पताल ने किया सोशल मीडिया से किनारा

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महज 43 ट्वीट करने के बाद ढाई साल से एम्स का एकाउंट पड़ा है खाली
अस्पताल की सेवाओं से जुड़ी जानकारियां मांगते रहते हैं लोग, नहीं मिलती मदद
स्वास्थ्य मंत्री से लेकर एम्स के तमाम संगठन तक रहते हैं सोशल मीडिया पर एक्टिव


सोशल मीडिया पर देश का सबसे बड़ा अस्पताल दिल्ली एम्स खामोश है। हर दिन करीब 50 से ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर एम्स को टैग करते हुए मदद मांग रहे हैं, लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से कोई जानकारी नहीं मिलती है। सोशल मीडिया सेल की ओर से पिछले ढाई वर्ष से एक भी पोस्ट नहीं की गई है।
दिल्ली में केंद्र सरकार के चार सबसे बड़े अस्पताल एम्स, सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज हैं। एम्स को छोड़ तीन अस्पतालों के ट्विटर एकाउंट भी वेरिफाइड हैं। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि सोशल मीडिया पर ज्यादातर एम्स के सीनियर डॉक्टर और संगठन मौजूद हैं।

हर कोई अपने-अपने विभाग से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं, लेकिन संस्थान की ओर से इस दिशा में काम नहीं हो रहा है। वह भी तब, जब दिल्ली एम्स को सरकार पूरे देश के निर्माणाधीन एम्स का आदर्श बताती हो।
ट्विटर पर ये हैं हालात
ट्विटर पर नजर डालें तो जनवरी 2015 में एम्स पहली बार सोशल मीडिया पर आया था और आखिरी पोस्ट 30 मई 2017 को की गई। इस अवधि में एम्स की ओर से महज 43 ट्वीट किए गए, जबकि एम्स के एकाउंट को फॉलो करने वालों की सूची सर्वाधिक 9393 है।

सफदरजंग अस्पताल को 4688 लोग फॉलो करते हैं, इनका अंतिम ट्वीट बीते 2 नवंबर का है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को 5140 लोग फॉलो करते हैं। 16 नवंबर को इनका आखिरी पोस्ट था। अब तक कॉलेज की ओर से 166 ट्वीट किए हैं।

नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ही बात करें तो आखिरी ट्वीट बीते 14 सिंतबर को दिखाई दिया, लेकिन इसके बाद से ये भी खामोश पड़ा है।
प्रतिदिन करीब 50 लोग मांगते हैं मदद
ठीक इसके विपरीत ट्विटर पर हर दिन करीब 50 के आसपास ट्वीट एम्स को टैग करने के साथ पोस्ट किए जा रहे हैं। इन सभी पोस्ट में कोई डॉक्टर से समय लेने की परेशानी को उठा रहा है तो कोई बिस्तर की कमी होने के कारण मदद मांग रहा है। दूसरे नंबर पर सफदरजंग अस्पताल से जुड़े तकरीबन 20 पोस्ट प्रतिदिन देखने को मिलती हैं।

साभार- अमर उजाला

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